जन्म : 24 जनवरी 1975, सुग्गीचौरी, मऊ, उत्तर प्रदेश
भाषा : हिंदी
विधाएँ : कविता, आलोचना, अनुवाद, वैचारिकी
कविता संग्रह : लगभग अनामंत्रित, प्रलय में लय जितना, माँ की डिग्रियाँ तथा अन्य कविताएँ (चयन)
वैचारिकी : शोषण के अभयारण्य – भूमंडलीकरण के दुष्प्रभाव और विकल्प का सवाल, मार्क्स : जीवन और विचार, कार्ल मार्क्स और उनकी विचारधारा
अनुवाद : प्रेम : विश्व साहित्य से अमर सूक्तियाँ, आज़ादी की लड़ाई और भारतीय मुसलमान, कविताओं और वैचारिक गद्य का फुटकर अनुवाद भी
संपादन : गिरिराज किराडू के साथ कविता कितबिया सीरिज के तहत ‘डर की कविताएँ’, ‘मृत्यु की कविताएँ’, ‘बेरोज़गारी की कविताएँ’ तथा ‘कोका कोला और कोको फ्रियो (मार्टिन एस्पादा की कविताएँ’ का संपादन, कुमार अनुपम के साथ ‘प्रेरक व्यक्तित्व सीरीज’ और ‘भाषांतर सीरीज’ का संपादन
कविताएँ
- कश्मीर – जुलाई के कुछ दृश्य
- पता नहीं कितनी बची हो तुम मेरे भीतर!
- मैं फिलवक्त बेचेहरा आवाजों के साथ भटक रहा हूँ…
- मैं हर जगह था वैसा ही
- मृत्युबोध
- माँ की डिग्रियाँ0
- वह वैसा ही था जैसे सब होते हैं
- सपने में होना भी होना है होने जैसा
- सब वैसा ही कैसे होगा?
- हत्यारे से बातचीत
- हलफनामा : कविता के दक्खिन टोले से
- हारने के बाद पता चला मैं रेस में था
- होना न होने की तरह