कृतियाँ

मृदु भावों के अंगूरों की आज बना लाया हाला, प्रियतम, अपने ही हाथों से आज पिलाऊँगा प्याला, पहले भोग लगा लूँ तेरा फिर प्रसाद जग पाएगा, सबसे पहले तेरा स्वागत करती मेरी मधुशाला।।१। प्यास तुझे तो, विश्व तपाकर पूर्ण निकालूँगा हाला, एक पाँव से साकी बनकर नाचूँगा लेकर प्याला, जीवन की मधुता तो तेरे ऊपर कब का वार चुका, आज निछावर...

जन्म: 23 सितम्बर 1908 निधन: 24 अप्रैल 1974 उपनाम दिनकर जन्म स्थान ग्राम सिमरिया, जिला बेगूसराय, बिहार, भारत कुछ प्रमुख कृतियाँ कुरुक्षेत्र, उर्वशी, रेणुका, रश्मिरथी, द्वंदगीत, बापू, धूप छाँह, मिर्च का मज़ा, सूरज का ब्याह विविध काव्य संग्रह उर्वशी के लिये 1972 के ज्ञानपीठ पुरस्कार सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मान...

राम नाम सब को कहै, कहिबे बहुत बिचार। सोई राम सती कहै, सोई कौतिग हार॥1॥ आगि कह्याँ दाझै नहीं, जे नहीं चंपै पाइ। जब लग भेद न जाँणिये, राम कह्या तौ काइ॥2॥ कबीर सोचि बिचारिया, दूजा कोई नाँहि। आपा पर जब चीन्हिया, तब उलटि समाना माँहि॥3॥ कबीर पाणी केरा पूतला, राख्या पवन सँवारि। नाँनाँ बाँणी बोलिया, जोति धरी करतारि॥4॥ नौ मण...