श – साहित्य गंगा https://sahityaganga.com Wed, 31 Jul 2024 06:15:52 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=4.9.26 शरद जोशी https://sahityaganga.com/%e0%a4%b6%e0%a4%b0%e0%a4%a6-%e0%a4%9c%e0%a5%8b%e0%a4%b6%e0%a5%80/ Wed, 03 Feb 2016 11:06:25 +0000 http://sahityaganga.com/?p=2198
परिचय

मूल नाम : शरद जोशी

जन्म : 21 मई 1931

भाषा : उर्दू, हिंदी

विधाएँ : व्यंग्य , फिल्म लेखन, धारावाहिक लेखन

जीवनी

शरद जोशी (21 मई 1931- 5 सितंबर 1991), उज्जैन (मध्य प्रदेश)। शरद जोशी अपने समय के अनूठे व्यंग्य रचनाकार थे। अपने वक्त की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक विसंगतियों को उन्होंने अत्यंत पैनी निगाह से देखा।व्यंग्य  संग्रह : परिक्रमा, किसी बहाने, तिलिस्म, रहा किनारे बैठ, मेरी श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएँ, दूसरी सतह, हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे, यथासंभव, जीप पर सवार इल्लियाँ। फिल्म लेखन : क्षितिज, छोटी-सी बात, सांच को आंच नही, गोधूलि, उत्सव । धारावाहिक लेखन : ये जो है जिन्दगी, विक्रम बेताल, सिंहासन बत्तीसी, वाह जनाब, देवी जी, प्याले में तूफान, दाने अनार के, ये दुनिया गजब की।

 

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शिवानी https://sahityaganga.com/%e0%a4%b6%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80/ Tue, 04 Aug 2015 13:12:18 +0000 http://sahityaganga.com/?p=2290
परिचय

मूल नाम : कैफी आजमी

जन्म : 17 अक्टूबर 1923

भाषा : उर्दू, हिंदी

विधाएँ : उपन्यास, कहानी, संस्मरण, आत्मकथा

जीवनी

शिवानी( 17 अक्टूबर 1923- 21 मार्च 2003) राजकोट (गुजरात) उपन्यास : कृष्णकली, कालिंदी, अतिथि, पूतों वाली, चल खुसरों घर आपने, श्मशान चंपा, मायापुरी, कैंजा, गेंदा, भैरवी, स्वयंसिद्धा, विषकन्या, रति विलाप, आकाश । कहानी संग्रह : शिवानी की श्रेष्ठ कहानियाँ, शिवानी की मशहूर कहानियाँ, झरोखा, मृण्माला की हँसी। संस्मरण : अमादेर शांति निकेतन, समृति कलश, वातायन, जालक। यात्रा वृतांत : चरैवैति, यात्रिक। आत्मकथा : सुनहुँ तात यह अमर कहानी।

 

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शिवपूजन सहाय https://sahityaganga.com/%e0%a4%b6%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a4%aa%e0%a5%82%e0%a4%9c%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%af/ Tue, 04 Aug 2015 12:41:03 +0000 http://sahityaganga.com/?p=2268
परिचय

मूल नाम : शिवपूजन सहाय

जन्म : अगस्त 1893

भाषा : उर्दू, हिंदी

विधाएँ : आधुनिक उर्दू शायरी , कहानी, संवाद, गीत, ग़ज़ल, नज़्म

जीवनी

शिवपूजन सहाय (अगस्त 1893-21 जनवरी 1963) , उनवास (बिहार)। हिन्दी साहित्य में एक उपन्यासकार, कहानीकार, सम्पादक और पत्रकार के रुप में प्रसिद्ध थे। इनके लिखे हुए प्रारम्भिक लेख ‘लक्ष्मी’, ‘मनोरंजन’ तथा ‘पाटलीपुत्र’ आदि पत्रिकाओं में प्रकाशित होते थे। शिवपूजन सहाय ने 1934 ई. में ‘लहेरियासराय’ (दरभंगा) जाकर मासिक पत्र ‘बालक’ का सम्पादन किया। स्वतंत्रता के बाद शिवपूजन सहाय बिहार राष्ट्रभाषा परिषद के संचालक तथा बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन की ओर से प्रकाशित ‘साहित्य’ नामक शोध-समीक्षाप्रधान त्रैमासिक पत्र के सम्पादक थे। मुख्य कृतियाँ- देहाती दुनियाँ, मतवाला माधुरी, गंगा, जागरण, हिमालय, हिंदी भाषा और साहित्य, शिवपूजन रचनावली।

 

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शिवप्रसाद सिंह https://sahityaganga.com/%e0%a4%b6%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%a6-%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%b9/ Tue, 04 Aug 2015 12:38:50 +0000 http://sahityaganga.com/?p=2265
परिचय

मूल नाम : शिवप्रसाद सिंह

जन्म : 19 अगस्त 1928

भाषा : हिंदी

विधाएँ : कहानी, उपन्यास, निबन्ध, आलोचनात्मक लेखन

जीवनी

शिवप्रसाद सिंह (19 अगस्त 1928 – 28 सितम्बर 2008) नाटककार , कहानीकार , उपन्यासकार  होने  के  साथ – साथ  ललित  और  वैचारिक  निबन्धकार  भी  हैं । ‘सूर-पूर्व ब्रजभाषा और उसका साहित्य’ इनका महत्वपूर्ण शोध है। कहानी-संग्रह : ‘आर-पार की माला’, ‘कर्मनाशा की हार’, ‘शाखामृग’, ‘इन्हें भी इंतजार है’, ‘मुर्दा सराय’, ‘चर्चित कहानियां’, ‘अंधेरा हॅंसता है’, ‘राग गूजरी’ और ‘भेदिए’ सरीखे कहानी-संग्रहों के अतिरिक्त दो भागों में संपूर्ण कहानियां भी। उपन्यास : ‘अलग-अलग वैतरणी’ इनका पहला उपन्यास है। ‘गली आगे मुड़ती है’ के बाद आया ‘नीला चांद’। इस पर इन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला। आलोचना-निबंध : निबंधों में ‘शिखरों के सेतु’, ‘कस्तूरी मृग’ और ‘चतुर्दिक’ संग्रह महत्वपूर्ण हैं। रिपोतार्ज ‘अंतरिक्ष के मेहमान’ और नाटक ‘घाटियां गूंजती हैं’ की खासी चर्चा रही। आलोचनात्मक लेखन में ‘विद्यापति’, ‘आधुनिक परिवेश और नवलेखन’ तथा ‘आधुनिक परिवेश और अस्तित्ववाद’ को विशेष महत्व का माना गया।

 

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