मिशन

साहित्य गंगा मिशन

भारतीय विकास संस्थान देश का प्रतिनिधि संस्थान है जो पिछले तीन दशको से सामाजिक,सांस्कृतिक व शैक्षणिक उत्थान के लिए कार्य कर रहा है |

भारतीय विकास संस्थान के साहित्य अनुभाग द्वारा भारतीय साहित्य के प्रचार –प्रसार के लिए “साहित्य गंगा’ नामक अत्याधुनिक वेबसाइट व पोर्टल लब्ध-प्रतिष्ठित विद्वानों द्वारा देवनागरी में तैयार किया गया है |

‘साहित्य गंगा’ में हिन्दी और उर्दू साहित्य की रचनाएं उनके रचनाकारों के जीवन परिचय के साथ संग्रहित किया जा रहा है| युवा पीढ़ी की भी रचनाएं इस वेबसाइट पर उपलब्ध होंगी | जिसके माध्यम से हिन्दी और उर्दू साहित्य ज्ञान के विभिन्न अनुशासन एवं परिक्षेत्र न केवल भारत में अपितु विश्व जनमानस तक अपनी गहरी पैठ बना सके|

हिन्दी भाषा में भारतीय मूल्यों व परम्पराओ के संवर्धन  के साथ –साथ आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने का अभियान “साहित्य गंगा’ द्वारा चलाया जाएगा |

नई पीढ़ी में हिन्दी –उर्दू को लोकप्रिय बनाने के महत्वपूर्ण उद्देश्य के तहत “साहित्य गंगा’ की संकल्पना की गई है | राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में हिन्दी का सम्यक विकास करने हिन्दी को वैश्विक भाषा के रूप में मान्यता दिलाने का सुसंगत प्रयास करने ,हिन्दी को जनसंचार , व्यापार, प्रबंधन ,विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा तथा प्रशासनिक कामकाज की भाषा के रूप में दक्ष बनाने का प्रयास होगा |

“साहित्य गंगा’ हिन्दी पोर्टल एवं ई पत्रिका के हिन्दी –उर्दू साहित्य की प्रचुर सामग्री को एक साथ एक स्थान पर स्थापित करने का विनम्र प्रयास है | विश्वभर में हिन्दी के अध्ययन –अध्यापन,शोध ,प्रचार –प्रसार और हिन्दी सृजन के समन्वयक के बतौर भी ‘साहित्य गंगा’ भूमिका निभाएगा |

देश के समस्त हिंदी साहित्य अकादमी उर्दू साहित्य अकादमी, निदेशालय, राजभाषा विभाग, समस्त मंत्रालयों, विश्वविद्यालय, प्रकाशकों व स्वयं सेवी संस्थाओ,विश्व हिन्दी सचिवालय (मॉरिशस) को जोड़ने का प्रयोजन भी सम्मिलित है | देश की अन्य भाषाएं व आंचलिक भाषाओं को भी इसमें शामिल करने का प्रावधान है। ई रीडिंग को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से तमाम प्रकाशकों की पुस्तकों को आनलाइन किया गया है।