मूल नाम : रांगेय राघव जन्म :17 जनवरी, 1923 भाषा : हिंदी विधाएँ : कहानी, कविता, उपन्यास, आलोचनात्मक ग्रन्थ जीवनी
रांगेय राघव (17 जनवरी, 1923- 12 सितंबर, 1962) असाधारण प्रतिभा के धनी रचनाकार थे। इनका मूल नाम टी.एन.बी.आचार्य (तिरूमल्लै नंबकम् वीरराघव आचार्य) था। रांगेय राघव ने अल्प समय में ही कितने साहित्य का सृजन किया, इसका अनुमान इस विवरण से लगाया जा सकता है। उनके प्रकाशित ग्रन्थों में 42 उपन्यास, 11 कहानी, 12 आलोचनात्मक ग्रन्थ, 8 काव्य, 4 इतिहास, 6 समाजशास्त्र विषयक, 5 नाटक और लगभग 50 अनूदित पुस्तकें हैं।उनके उपन्यासों में बोलते खंडहर, कब तक पुकारूँ, रत्ना की बात, अँधेरे के जुगनू, विषाद मठ , मुरदों का टीला और कहानी संग्रहों में साम्राज्य का वैभव , देवदासी, समुद्र के फेन, अधूरी मूरत, जीवन के दाने, अंगारे न बुझे काफी प्रसिद्ध हैं। |