जन्म : 9 दिसंबर 1959, मानसा (पंजाब)
भाषा : हिंदी
विधाएँ : कहानी, आलोचना, संस्मरण
कहानी संग्रह : घने बरगद तले, आओ माँ हम परी हो जाएँ
आलोचना : स्त्री लेखन : स्वप्न और संकल्प, हिंदी उपन्यास में कामकाजी महिला, एक नजर कृष्णा सोबती पर, इतिवृत्त की सरंचना और संरूप (पंद्रह वर्ष के प्रतिमानक उपन्यास), समकालीन कथा साहित्य : सरहदें और सरोकार
संपादन : प्रतिनिधि कहानियाँ (मुक्तिबोध)
हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा कहानी एवं आलोचना पुरस्कार, स्पंदन आलोचना पुरस्कार
प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, हिंदी विभाग, महर्षि दयानंद विश्व विद्यालय, रोहतक, हरियाणा
- आओ माँ! हम परी हो जाएँ
- आत्मजा
- कंजकें
- चिट्ठियाँ
- बेटी पराई नहीं होती, पापा
आलोचना
- कबीर का वैचारिक दर्शन
- जान्हवी, जैनेंद्र और प्रेम
- ‘बरजी मैं काही की नाहिं रहूँ’
- समकालीन हिंदी उपन्यास और दिकू समाज का आदिवासी चिंतन
- समकालीन हिंदी उपन्यास और पारिस्थितिकीय संकट
विमर्श
- देह के द्वार पर अनादृत स्त्रियाँ और हिंदी कथा साहित्य
- प्रेमचंद के संग : पहली बार उर्फ रसोई और स्टडी के बीच हरसिंगार के फूलों की बरसात